Manav Netra Ka Sachitra Varnan Karen, मानव नेत्र का सचित्र वर्णन कीजिए

Published On: 24/04/2025

Manav Netra Ka Sachitra Varnan Karen : मानव नेत्र का सचित्र वर्णन कीजिए तथा नेत्र द्वारा रेटिना पर प्रतिबिम्ब का बनना किरण आरेख द्वारा स्पष्ट कीजिए | मानव नेत्र एक जटिल और महत्वपूर्ण अंग है जो हमें देखने की क्षमता प्रदान करता है। यह एक खोखले गोले की तरह होता है जिसमें विभिन्न भाग होते हैं जो प्रकाश को पकड़ते हैं, उसे फोकसन करते हैं, और रेटिना पर प्रतिबिम्ब बनाते हैं।

Manav Netra Ka Sachitra Varnan Karen

Manav Netra Ka Sachitra Varnan Karen

मानव नेत्र- नेत्र मनुष्य के शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है जिसकी सहायता से हम सभी वस्तुओं को देख पाते हैं | मानव की आँख एक फोटोग्राफिक कैमरे की भाँति कार्य करती है | मानव नेत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं –

  1. दृढ़ पटल – मानव नेत्र एक खोखले गोले के समान होता है | यह बाहर से एक दृढ़ व पारदर्शी श्वेत परत से ढका होता है | इस परत को दृढ़ पटल या श्वेत पटल कहते हैं | इससे नेत्र के भीतरी भागों की सुरक्षा होती है |
  2. रक्त पटल – दृढ़ पटल के भीतरी पृष्ठ पर एक काले रंग की झिल्ली लगी रहती है इसे रक्त पटल कहते हैं | यह आपतित प्रकाश का अवशोषण करती है और रेटिना को पोषण प्रदान करती है |
  3. कॉर्निया – नेत्र के सामने श्वेत पटल के मध्य थोड़ा उभरा हुआ भाग पारदर्शी होता है | प्रकाश की किरणें इसी भाग से अपवर्तित होकर नेत्र में प्रवेश करती है |
  4. परितारिका – कार्निया के पीछे एक रंगीन एवं अपारदर्शी झिल्ली का पर्दा होता है जिसके बीच में छिद्र होता है | इसका रंग अधिकांशतः काला होता है |
  5. पुतली – परितारिका के बीच में छिद्र को पुतली कहते हैं | परितारिका की मांसपेशियों के संकुचन एवं विस्तारण से आवश्यकतानुसार आकार कम या ज्यादा होता रहता है |
  6. नेत्र लेंस – पुतली के ठीक पीछे पारदर्शी ऊतक का बना उत्तल लेंस होता है, जिसे नेत्र लेंस कहते है | इसके पिछले भाग को वक्रता त्रिज्या अगले भाग की अपेक्षा अधिक होती है | इसका माध्य अपवर्तनांक लगभग 1.4 होता है | नेत्र लेंस मांसपेशियों के बीच टिका रहता है जिन्हें पक्ष्माभि पेशियाँ कहा जाता है |
  7. जलीय द्रव – कॉर्निया व नेत्र लेंस के बीच एक पतला द्रव भरा होता है | यह कॉर्निया व अन्य भागों को पोषण प्रदान करता है | इस द्रव का अपवर्तनांक 1.336 होता है |
  8. काचाभ द्रव – नेत्र लेंस व रेटिना के बीच एक पारदर्शक गाढ़ा द्रव होता है |
  9. दृष्टि पटल – रक्त पटल के नीचे एक पारदर्शक झिल्ली होती है जिसे रेटिना कहते है | वस्तु से आने वाली प्रकाश किरणें कॉर्निया व नेत्र लेंस से अपवर्तित होकर रेटिना पर फोकसित होती हैं | रेटिना में अनेक प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो प्रकाश ऊर्जा मिलते ही सक्रिय हो जाती है एवं विद्युत् सिग्नल उत्पन्न करती है |
  10. पीत बिंदु और अंध बिंदु – रेटिना के मध्य एक पीला भाग होता है जिसे पीत बिंदु कहते हैं | इसकी सुग्राहिता सबसे अधिक होती है | जिस स्थान पर प्रकाश की सुग्राहिता शून्य होती है, उसे अंध बिंदु कहते हैं |
  11. नेत्र का कार्य – जब हमारी पलकें खुली होती है तो हमारे सामने रखी वस्तु से चली प्रकाश किरणें कार्निया पर आपतित होती हैं | यहाँ से किरणें नेत्र लेंस द्वारा अपवर्तित होकर रेटिना पर प्रतिबिंबित होती है | प्रतिबिम्ब की सूचना प्रकाश सुग्राही कोशिकाओं द्वारा रेटिना की संवेदी कोशिकाओं से होकर मस्तिष्क में पहुँचती है | मस्तिष्क उसका ज्ञान अनुभव द्वारा प्राप्त कर लेता है |
WhatApps ChannelClick Hare To Join Whatapps Channel
Telegram ChannelClick Hare To Join Telegram Channel

नेत्र की कार्य प्रणाली : Human Eye Diagram In Hindi

  • प्रकाश कॉर्निया से प्रवेश करता है और लेंस द्वारा केंद्रित होता है.
  • लेंस प्रतिबिंब को रेटिना पर बनाता है.
  • रेटिना के सुग्राही सेल प्रकाश को अवशोषित करके तंत्रिका संकेतों में बदल देते हैं.
  • यह तंत्रिका संकेत ऑप्टिक तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक जाते हैं.
  • मस्तिष्क इन संकेतों की व्याख्या करता है और हमें वस्तुओं को देखने और पहचानने की अनुमति देता है.

Related Post

Bihar Home Guard Recruitment 2025
Apply Form, Latest Job, new update

Bihar Home Guard Physical Admit Card 2025 Released

By Bihari Academy
|
06/06/2025
Bihar BTSC Staff Nurse Recruitment 2025
I Have A Dream Objective Question Answer Pdf Download
12th English Objective Question, Class 12Th English

I Have A Dream Objective Question Answer Pdf Download

By Bihari Academy
|
05/06/2025

Leave a Comment